Adidas
– फोटो : पिक्साबे
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स्पोर्ट्सवियर ब्रांड एडिडास एक लग्जरी डिजाइनर के खिलाफ ट्रेडमार्क की लड़ाई हार गया है। दरअसल डिजाइनर थोम ब्राउन के ट्रेडमार्क में चार पट्टियां बनी हुई हैं। जिस पर एडिडास ने थोम ब्राउन के खिलाफ केस दर्ज कराते हुए दावा किया कि यह ट्रेडमार्क उसकी तीन पट्टियों वाले ट्रेडमार्क से काफी मिलता जुलता है। हालांकि थोम ब्राउन ने कोर्ट में बताया कि उनके ट्रेडमार्क की एडिडास के ट्रेडमार्क से कोई समानता नहीं है और उपभोक्ताओं में भी इसे लेकर असमंजस नहीं है।
केस दर्ज कराते हुए एडिडास ने डिजाइनर से 7.8 मिलियन डॉलर (63 करोड़ रुपए) का हर्जाना मांगा था। मतलब अगर थोम ब्राउन केस हार जाते तो उन्हें एडिडास को बतौर हर्जाने 63 करोड़ रुपए देने होते। हालांकि न्यूयॉर्क की कोर्ट ने फैसला थोम ब्राउन के हक में दिया। एडिडास के ब्रांड में तीन पट्टियां पहचान हैं। वहीं थोम ब्राउन के कपड़ों पर 4 सीधी पट्टियां दिखती हैं। केस की सुनवाई के दौरान ब्राउन की लीगल टीम ने कहा कि थोम ब्राउन जहां लग्जरी गारमेंट सेक्टर में हैं और उनका मार्केट छोटा है। वहीं एडिडास स्पोर्ट्सवियर के लिए प्रसिद्ध है और दुनिया के बड़े मार्केट पर उसका कब्जा है।
थोम ब्राउन और एडिडास के बीच का यह मामला करीब 15 साल पुराना है। साल 2007 में ब्राउन ने एक जैकेट पर तीन पट्टियों वाला ट्रेडमार्क लगाया, जिस पर एडिडास ने आपत्ति जताई। इसके बाद ब्राउन ने अपने ट्रेडमार्क में बदलाव किया और तीन की बजाय चार स्ट्रिप वाले ट्रेडमार्क का इस्तेमाल शुरू कर दिया। कुछ साल तक एडिडास ने इस पर ध्यान नहीं दिया लेकिन जब थोम ब्राउन की लोकप्रियता बढ़ने लगी और साल 2018 के बाद थोम ब्राउन इंक लग्जरी सेगमेंट में एक लोकप्रिय ब्रांड बनकर उभरा तो एडिडास ने फिर से इस पर ध्यान दिया और थोम ब्राउन के खिलाफ केस फाइल कर दिया। हालांकि अब कंपनी को ही निराशा हाथ लगी है।
थोम ब्राउन ने इस पूरे विवाद पर कहा है कि दोनों कंपनियों के बीच यह विवाद बेतुका है क्योंकि दोनों अलग-अलग मार्केट को टारगेट करती हैं। साथ ही दोनों कंपनियों के कपड़ों की कीमत में भी काफी अंतर है। उल्लेखनीय है कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एडिडास अब तक दुनिया भर के देशों में 200 बार विवादों में आई है और 90 कोर्ट केस में ट्रेडमार्क की लड़ाई लड़ चुकी है।